खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर उस समय बवाल मच गया जब सालों से चली आ रही परम्परा को तोड़ दिया गया। इस साल यहां के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम नरेंद्र मोदी नजर आ रहे हैं। गांधी की तस्वीर गायब होने से नाराज इसके कर्मचारियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया और जानना चाहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित करने के दौरान राष्ट्रपिता की तस्वीर क्यों नहीं प्रकाशित की गई? संक्षिप्त प्रदर्शन में केवीआईसी से जुड़े दर्जनों श्रमिक उपनगरीय विले पारले पर जमा हुए और उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि गांधी खादी आंदोलन के पीछे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक शक्ति रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, 'हम डायरी और कैलेंडर में मोदीजी की तस्वीर शामिल करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन गांधीजी की तस्वीर नहीं पाकर हम दुखी हैं। हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि क्यों गांधीजी को यहां स्थान नहीं दिया गया है। क्या गांधीजी खादी उद्योग के लिए अब प्रासंगिक नहीं रहे।' प्रदर्शनकारियों ने गांधीजी की तस्वीरों के साथ फिर से कैलेंडर प्रकाशित करने की मांग की।